मिर्च में लगने वाले कीट का नियंत्रण ||

मिर्च में लगने वाले कीट का नियंत्रण

थ्रिप्स और सफेद मक्खी :-

                                            

  

    वैज्ञानिक भाषा मे से सिटरोथ्रिटस डोरसेलिस हुड कहते है।छोटी अवस्था मे ही कीट पौधों की पत्तियों एवं अन्य मुलायम भागों से रस चूसते है जिसके कारण पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ कर नाव के समान हो जाती है।

रोकथाम / नियंत्रण के उपाय :-

1.     बुवाई के पूर्व थायोमिथम्जाम 5 ग्राम प्रति किलो बीज दर से बीजोचार करे ।

2.     नीम बीज अर्क का 4 प्रतिशत का छिडकाव करें ।

3. पाली केमिकल कंपनी में समाधान दवा के प्रयोग से थ्रिप्स और   सफेद मक्खी दोनों कीट की रोकथाम की जाती है| यह 100 ग्राम प्रति   एकड़  के हिसाब से लगाई जाती है |


 

 


माइट (मकड़ी)


    कीट का वैज्ञानिक नाम - हेमीटारयोनेमसलाटस बैंक है। यह बहुत ही छोटे कीट होते है जो  पत्तियों की सतह से रस चूसते है जिसमें  पत्तियां नीचे की ओर मुड़ जाती है।

1.  नीम की निबोंली के सत का 4 प्रतिशत का छिडकाव करें।

2.पाली की दवा माइटर थ्रीप्स (मकड़ी) की बहुत ही असरदायक दवा है यह एक वायो प्रोडक्ट है |

3. माईटर की 250 मिली. मात्रा को पानी में कर एक एकड़ फसल के लिये पर्याप्त है। इससे पौधों को पूरा भीगने तक छिडकाव करें ।


 

सूड़ी और तना छेदक :-

 

           सूड़ी पत्तियों को खाती हैं व तना छेदक तने को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाती है इससे मिर्च फल में टेड़ापन आ जाता है |इसकी रोकथाम के लिए पाली की सफाया दवा का प्रयोग करना चाहिए  |  


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